Monday, 19 July 2010

सावन : ॐ नमः शिवाय



सावन के पहले सोमवार की सुबह रिमझिम बरसात के साथ हुई... अब तो मौसम बहुत ही सुहाना हो गया है... सावन शिव का महीना है जो की संहार के देव हैं... गढ़वाल में शिव के पञ्च केदार तो हैं ही साथ ही अन्य कई महत्त्वपूर्ण शैव स्थल भी हैं.... इन्ही में एक प्रमुख श्रीनगर का कमलेश्वर महादेव भी है... कहा जाता है की यहाँ श्री राम ने सहर्स्रों वर्षों तक पूजा की थी। उन्होंने यहाँ १ हजार कमल के पुष्प अर्पित करने का प्रण लिया॥ ९९कमल तो वे अर्पित कर पाए परन्तु आखिरी एक पुष्प शिवजी ने छुपा लिया... तो रामजी ने उसके बदले आपना एक नेत्र ही अर्पित कर दिया। तबसे इसे कमलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
यहाँ प्रतिवर्ष वैकुण्ठ चतुर्दर्शी को विशाल मेले का आयोज किया जाता है। उस दिन यहाँ "संतान प्राप्ति" की मनोकामना लेकर अनेकों लोग "खड़ा दिया " नामक तप करते हैं... इसका फल निश्चित माना जाता है.... ऐसा फल देने वाले गढ़वाल में सिर्फ दो ही मंदिर हैं..... एक तो कमलेश्वर तथा दूसरा अनुसूया देवी मंदिर ( चमोली जिले में)




सावन में तथा महाशिवरात्रि को लिंग को विशेष रूप से चांदी के बने छत्र से सजाया जाता है । शिवजी को बेलपत्री का ही भोग लगता है।





ये कुछ पल मंदिर की गैहमागाह्मी से चुराए हुए, सिर्फ आपके लिए । । ।









आज सुबह सिर्फ महादेव के दर्शन के लिए जल्दी उठा । कभी-२ इस भक्ति के अतिरेक को देखकर लगता है, की सचमुच ईश्वर है ? या हमने सिर्फ अपने मन को शांत करने के लिए ईश्वर का आविष्कार किया? एक ऐसी शक्ति मानी जिसपर हम अपना सबकुछ न्योछावर कर दें और वह भी सदा हमारी रक्षा करे?
खैर जो भी हो, मै आस्तिक हूँ और उस परम शक्ति को दिल से मानता हूँ.........

1 comment:

Girish said...

Keep it up Deepu..
and as always your choice of photos have been great...those are beautiful..